प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में मंगलवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई. कैबिनेट में एक नए नेशनल बैंक बनाने का फैसला लिया गया है, जो बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर के प्रोजेक्ट को फंड करने के लिए काम करेगा. इसे बैंक को 'विकास वित्त संस्थान' नाम दिया गया है.
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी कि सरकार ने बजट में ही ऐसे बैंक बनाए जाने की घोषणा की थी, जिसे अब कैबिनेट ने भी मंजूरी दे दी है.
शुरू में सरकार डालेगी 20 हजार करोड़ का फंड
वित्त मंत्री के मुताबिक, वित्तीय विकास संस्थान देश में जारी बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को फंड करने का काम करेगा. सरकार के मुताबिक, नए संस्था को बिल्कुल जीरो से शुरू किया जाएगा. अभी एक बोर्ड का गठन किया जाएगा, जो आगे के फैसले लेगा. हालांकि, सरकार की ओर से 20 हजार करोड़ रुपये का शुरुआती फंड दिया जाएगा.
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी गई कि इस बैंक के द्वारा बॉन्ड जारी कर इसमें निवेश किया जाएगा. अगले कुछ वर्षों में 3 लाख करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद. इसमें निवेश करने वालों को टैक्स बेनिफिट भी मिलेगा. इसमें बड़े सॉवरेन फंड, पेंशन फंड निवेश कर सकते हैं.
#CabinetDecisions
— PIB in Maharashtra 🇮🇳 (@PIBMumbai) March 16, 2021
The DFI will help raise long-term funds; #Budget2021 will provide initial amount
Capital infusion will be of about Rs. 20,000 Cr this year; initial grant will be Rs. 5,000 Cr, additional increments of grant will be made within the limit of Rs. 5,000 Cr
- FM pic.twitter.com/AD8aFJPdDB
सभी बैंकों का निजीकरण नहीं होगा: निर्मला सीतारमण
प्रेस कॉन्फ्रेंस में जानकारी दी गई कि कोई भी पुराना बैंक इस तरह के बड़े प्रोजेक्ट में फंड करने के लिए तैयार नहीं था. करीब 6000 ग्रीन-ब्राउन फील्ड प्रोजेक्ट ऐसे हैं, जिन्हें फंडिंग की जरूरत है. यही कारण है कि इस तरह के संस्थान का फैसला लिया गया है. सरकार के मुताबिक, बैंक के बोर्ड मेंबर में क्षेत्र के बड़े लोगों को स्थान दिया जाएगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि सभी बैंकों का निजीकरण नहीं किया जाएगा, हम चाहते हैं कि देश में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जैसे बैंक बनें. विकास वित्त संस्था को इसी उम्मीद के साथ बनाया गया है, जो मार्केट की उम्मीदों को भी पूरा करेगा. जिन बैंकों का निजीकरण हो रहा है, उनके कर्मचारियों के अधिकारों और भविष्य का ध्यान रखा जाएगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निजीकरण के मामले में राहुल गांधी के आरोपों का जवाब भी दिया. निर्मला बोलीं कि उनकी दादी ने भले ही बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया हो, लेकिन कांग्रेस ने सिर्फ भ्रष्टाचार का राष्ट्रीयकरण किया है. राहुल गांधी का काम सिर्फ और सिर्फ आरोप लगाना ही है.